गिरनार शिलाभिलेख Girnar Shilalekh(5-7) MCQs Part -3

प्रिय विद्यार्थियों, इस पोस्ट में गिरनार शिलाभिलेख Girnar Shilalekh(5-7) MCQs Part 3 है। जो मुख्यतः दिल्ली विश्वविद्यालय के परास्नातक संस्कृत के तृतीय सत्र 3rd Sem से संबंधित है तथा संस्कृत की विविध प्रतियोगी परिक्षाओं NET JRF, TGT PGT तथा विश्वविद्यालय स्तरीय परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।

🪶 गिरनार पञ्चम शिला अभिलेख

प्रश्न 1. गिरनार पञ्चम शिला अभिलेख के अनुसार ‘देवानंप्रियः प्रियदर्शी राजा’ क्या कहते हैं?

A) कल्याण करना कठिन है
B) युद्ध करना कठिन है
C) दान देना कठिन है
D) शासन करना कठिन है

प्रश्न 2. राजा ने अपने पुत्र और पोत्र के लिए क्या किया?

A) युद्ध की तैयारी कराई
B) कल्याण का मार्ग तैयार किया
C) धार्मिक ग्रंथ दिए
D) दंड लगाया

प्रश्न 3. अभिलेख में किसे दुष्कृत कहा गया है?

A) जो कल्याण करता है
B) जो एक देश में भी अपकृत्य करता है
C) जो धर्मपालक है
D) जो राजा का अनुसरण करता है

प्रश्न 4. अभिलेख के अनुसार पाप और पुण्य का मूल्यांकन कैसे किया गया है?

A) पाप का महत्व अधिक, पुण्य का कम
B) पुण्य करना कठिन, पाप आसान
C) सुकरं हि पापम्, अतिक्रान्तम् अंतरम्
D) कोई उल्लेख नहीं

प्रश्न 5. धर्ममहामात्र कौन नियुक्त करता है और कब?

A) राजा द्वारा, त्रयोदश वर्षाभिषेक के समय
B) राजा द्वारा, हर वर्ष
C) ब्राह्मण द्वारा
D) कोई नहीं

प्रश्न 6. धर्ममहामात्र का कार्य क्या था?

A) युद्ध की योजना बनाना
B) सभी पाषण्डों (अधर्मी लोगों) में धर्म स्थापना करना
C) सेना का नेतृत्व करना
D) राजमहल का निर्माण करना

प्रश्न 7. अभिलेख में राजा ने कल्याण की कौन-सी विशेषता बताई?

A) वह सरल है
B) वह कठिन है
C) वह असंभव है
D) वह निरर्थक है

प्रश्न 8. राजा द्वारा किया गया कल्याण कितने समय तक चलेगा?

A) केवल उसके जीवनकाल तक
B) उसके पुत्र और पोत्र तक, और उनके उत्तराधिकारी तक
C) केवल एक वर्ष
D) केवल राजशाही तक

प्रश्न 9. अभिलेख में क्या संकेत है कि कोई भी पाप करता है?

A) उसे दंड मिलेगा
B) उसका कार्य सुकर है
C) वह कल्याण करता है
D) राजा उसका समर्थन करता है

प्रश्न 10. धर्ममहामात्र की नियुक्ति किस उद्देश्य से की गई?

A) सेना के लिए
B) राजमहल के निर्माण के लिए
C) पाषण्डों में धर्म की स्थापना
D) गणराज्य प्रणाली लागू करने के लिए

🪶 गिरनार षष्ठ शिला अभिलेख

प्रश्न 11. अभिलेख में ‘देवानांप्रिय प्रियदर्शी राजा’ ने क्या कहा?

A) कल्याण करना आसान है
B) अतिक्रान्त अंतर
C) युद्ध करना आवश्यक है
D) दान करना कठिन है

प्रश्न 12. राजा ने भूतपूर्व में क्या कार्य किए?

A) केवल युद्ध
B) अर्थ-कर्म और प्रतिवेदना
C) केवल दान
D) कोई उल्लेख नहीं

प्रश्न 13. सर्वत्र प्रतिवेदक किसके लिए स्थापित किए गए?

A) सेना के लिए
B) जनसामान्य के लिए अर्थ करने हेतु
C) धार्मिक अनुष्ठान के लिए
D) न्यायालय के लिए

प्रश्न 14. राजा ने स्वयं कौन-सा कार्य किया?

A) दापक या श्रावक
B) केवल आदेश दिया
C) युद्ध किया
D) राजमहल का निर्माण

प्रश्न 15. अभिलेख के अनुसार विवाद का समाधान कैसे होता है?

A) राजा स्वयं निर्णय करता है
B) परिषदी में निर्णय होता है
C) कोई विवाद नहीं होता
D) सेनाओं के बीच युद्ध से

प्रश्न 16. राजा का मुख्य उद्देश्य क्या था?

A) केवल अपनी शक्ति दिखाना
B) सर्वलोकहित
C) केवल पुत्रों के लिए कल्याण
D) केवल कर संग्रह

प्रश्न 17. अभिलेख में प्रतिवेदन किस समय और स्थान पर किया जाना चाहिए?

A) केवल राजा के जीवनकाल में
B) सर्वत्र और सर्वस्मिन् काले
C) केवल सेना में
D) केवल राजमहल में

प्रश्न 18. इस धम्मलिपि के लिए राजा ने कितने समय तक स्थायित्व का आदेश दिया?

A) केवल राजा के जीवनकाल तक
B) पुत्र, पोत्र और प्रपोत्र तक
C) केवल एक वर्ष
D) कोई समय निर्दिष्ट नहीं

प्रश्न 19. राजा ने किस प्रकार की लालच या संतोष से परहेज किया?

A) अर्थ-संतीरणा में
B) युद्ध में विजय में
C) दान में
D) कर संग्रह में

प्रश्न 20. राजा ने किसके हित हेतु कार्य किया?

A) केवल स्वयं
B) केवल सेना
C) सर्वलोकहित
D) केवल पुत्र

प्रश्न 21. राजा ने प्रतिवेदन का कार्य किसके लिए सुनिश्चित किया?

A) केवल सेना
B) स्वयं और जनसामान्य
C) केवल ब्राह्मण
D) केवल राजा के परिवार के लिए

प्रश्न 22. अभिलेख में राजा का कौन-सा मूल्य स्पष्ट है?

A) पराक्रम
B) लालच
C) केवल शक्ति
D) केवल धन संग्रह

प्रश्न 23. राजा ने प्रतिवेदक क्यों स्थापित किए?

A) केवल युद्ध के लिए
B) जनसामान्य के लिए अर्थ संग्रह और जानकारी हेतु
C) केवल राजमहल में
D) केवल दान वितरण के लिए

प्रश्न 24. राजा ने क्या सुनिश्चित किया कि कोई भी कार्य लालच से प्रभावित न हो?

A) हाँ, न तोष के साथ कार्य
B) केवल दान में
C) केवल युद्ध में
D) केवल कर संग्रह में

प्रश्न 25. इस धम्मलिपि का पालन किनके लिए अनुवर्ती रहेगा?

A) केवल राजा
B) पुत्र, पोत्र और प्रपोत्र
C) केवल सेना
D) केवल ब्राह्मण

🪶 गिरनार सप्तम शिला अभिलेख

प्रश्न 26. “देवानंपियो पियदसि राजा” का अर्थ क्या है?

A. देवताओं का प्रिय और सुन्दर राजा
B. देवताओं का प्रिय और दयालु राजा
C. देवताओं का सेवक राजा
D. देवताओं का शत्रु राजा

प्रश्न 27. अशोक के अनुसार सभी पाषण्ड (मतावलंबी) क्या करें?

A. परस्पर विरोध करें
B. संयम और भावशुद्धि रखें
C. केवल दान करें
D. यज्ञ करें

प्रश्न 28. “भावसुधि” का अर्थ है —

A. धन की शुद्धि
B. विचारों की शुद्धि
C. भावों की शुद्धि
D. कर्मों की शुद्धि

प्रश्न 29. “उचावचछंदो उचावचरागो” वाक्य का अर्थ है —

A. स्थिर स्वभाव वाला मनुष्य
B. ऊँचे-नीचे मन वाला मनुष्य
C. संतुलित विचार वाला मनुष्य
D. अत्यधिक संयमी व्यक्ति

प्रश्न 30. अशोक के अनुसार दान का क्या महत्व है?

A. केवल दान ही सबसे श्रेष्ठ है
B. बिना संयम और भावशुद्धि के दान व्यर्थ है
C. दान करने से ही मोक्ष मिलता है
D. दान ही धर्म है

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यह पोस्ट मेरे द्वारा लिखा गया है। पाठकों एवं छात्रों को सही और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराना मेरा उद्देश्य है। मैं boks.in वेबसाइट पर शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित उपयोगी सामग्री साझा करता हूँ। #All India Rank One - Acharya (ved) in CUET PG # TOPPER IN UNIVERSITY OF DELHI (MA Sanskrit 1 sem)

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