निरुक्त भारद्वाजश्रौतसूत्र Nirukt Bharadwaj Shraut Sutra MCQs

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प्रिय विद्यार्थियों, इस पोस्ट में निरुक्त भारद्वाजश्रौतसूत्र के बहुविकल्पीय प्रश्न ; Nirukt Bharadwaj Shraut Sutra MCQs  है। जो मुख्यतः दिल्ली विश्वविद्यालय के परास्नातक संस्कृत के तृतीय सत्र 3rd Sem से संबंधित है तथा संस्कृत की विविध प्रतियोगी परिक्षाओं  NET JRF,, TGT PGT तथा विश्वविद्यालय स्तरीय परीक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी है।

1. ‘ अथातो दैवतम् ‘ में ‘ अथ ‘ शब्द का अर्थ है –

क). इतः आरम्भ्य
ख). देवतावाची
ग). नवीनविषयारम्भार्थं
घ). किमपि न

2. ‘ आचक्षते ‘ यह रुप है –

क). एकवचन
ख). द्विवचन
ग). बहुवचन
घ). किमपि न

3. ‘ देवता ‘ इस पद में कौन कौन सा प्रत्यय है –

क). तृच्, टाप्
ख). तल्, टाप्
ग). तृच्, डाप्
घ). तल्, डाप्

4. वैदिकवाङ्गमय में सर्वाधिकप्राचीन भाष्यकार है –

क). सायण
ख). उद्गीथ
ग). नारायण
घ). स्कन्दस्वामी

5. ‘ उक्तानुक्तदुरुक्तानां चिन्ता यत्र प्रवर्तते ।
तं ग्रन्थं         प्राहुः ……ज्ञा मनीषिणः ॥ ‘ इति कस्य लक्षणं वर्तते ?

क). भाष्य
ख). सूत्र
ग). वार्तिक
घ). शास्त्र

6. निरुक्त में कितने निरुक्तकार का उद्धरण प्राप्त होता है ?

क). १५
ख). १३
ग). १२
घ). १४

7. निरुक्त कितने प्रकार के है ?

क). षड्विध
ख). सप्तविध
ग). त्रिविध
घ). पञ्चविध

8. ‘ निरुक्त ‘ पद में उपसर्ग है –

क). निर्
ख). नि
ग). अव
घ). अनु

9. विद्यास्थान नहीं है –

क). काव्यप्रकाश
ख). ब्रह्मवैवर्तपुराण
ग). निरुक्त
घ). न्यायसूत्र

10. ‘ विदुः ‘ पद किस वचन में होता है ?

क). बहुवचनम्
ख). द्विवचनम्
ग). एकवचनम्
घ). किमपि न

11. किस ग्रन्थ का ‘प्रश्न ‘ इति विभाग प्रवर्तते ?

क). भारद्वाजश्रौतसूत्रम्
ख). निरुक्तम्
ग). अष्टाध्यायी
घ). पाणिनीयशिक्षा

12. पदप्रकृतिः …….।

क). सहेता
ख). संहिता
ग). संहेता
घ). सहिता

13. ‘ गच्छति ‘ पद का प्रातिपदिक है –

क). गच्छन्
ख). गच्छत्
ग). गच्छ
घ). गच्छति

14. ‘ मन्त्रब्रह्मणयोर्वेदनामधेयम् ‘ यह किस ग्रन्थ से उद्धृत है ?

क). वाजसनेयीप्रातिशाख्य
ख). भारद्वाजश्रौतसूत्र
ग). आपस्तम्भश्रौतसूत्र
घ). पाणिनीयशिक्षा

15. ‘ सहस्रवर्त्मा सामवेदः ‘ इस वाक्य में ‘ वर्त्मा ‘ इस पद का प्रातिपदिक है –

क). वर्त्मत्
ख). वर्त्म
ग). वर्त्मन्
घ). वर्त्मा

16. ‘ पदप्रकृतिः संहिता ‘ यह किसका वचन है ?

क). आपस्तम्बश्रौतसूत्र
ख). पाणिनीयशिक्षा
ग). भारद्वाजश्रौतसूत्र
घ). वाजसनेयिप्रातिशाख्य

17. निघण्टु के नैगमकाण्ड में कितने पद पठित है ?

क). 279
ख). 151
ग). 1340
घ). 450

18. निघण्टु के नैगमकाण्ड में अन्तिमपद क्या है ?

क). देवपत्नी
ख). अग्नि
ग). ऋबीसम्
घ). अपारे

19. ‘ अपारे ‘ पद निरुक्त में किस अर्थ में प्रयुक्त है ?

क). समीपता
ख). दूर
ग). अन्तरिक्ष
घ). द्यावापृथिवी

20. ‘ गौः ‘ पद  किस लिङ्ग में प्राप्त होता है ?

क). ओकारान्तस्त्रीलिङ्ग
ख). ओकारान्तनपुंसकलिङ्ग
ग). उकारान्तपुंल्लिङ्ग
घ). उकारान्तनपुंसकलिङ्ग

21. वेदाङ्ग के अन्तर्गत अर्थ से सम्बन्धित ग्रंथ है –

क). निरुक्तव्याकरण
ख). शिक्षाछन्द
ग). ज्योतिषकल्प
घ). किमपि न

22. ‘ एकविंशतिधा बाह्वृच्यम् ‘ इस वाक्य में ‘बाह्व ‘ पद का प्रातिपदिक है –

क). बाहु
ख). बहु
ग). बहू
घ). बाहू

23. सामान्यतः नित्य बहुवचनान्त प्रयोग प्राप्त होता है –

क). सिकताः
ख). पयांसि
ग). नद्यः
घ). कामाः

24. ब्राह्मणग्रन्थ की विधि कितने प्रकार की है ?

क). दश
ख). एकादश
ग). त्रयोदश
घ). नव

25. आप्री देवता की संख्या है –

क). द्वादश
ख). एकादश
ग). त्रयोदश
घ). नव

 

26. ‘विकृति याग’ किस इष्टि को कहा गया है?

क). दर्शेष्टि
ख). प्रौर्णमासेष्टि
ग). आग्रयणेष्टि
घ). दर्शपौर्णमासेष्टि

27. “तत्र यथार्थमूहो भवति” सूत्रे ‘तत्र’ इत्यस्य कोऽर्थ:?

क). विकृति यज्ञ
ख). प्रकृति यज्ञ
ग). दर्श यज्ञ
घ). पौर्णमास यज्ञ

28. अध्वर्यु कितनी लकडियों का इध्म बनाता है?

क). 17
ख). 23
ग). 24
घ). 25

29. सामिधेनी मन्त्रों की संख्या 23 से अधिक होने पर काष्ठ की संख्या में—

क). वृद्धि होगी
ख). समान रहेगी
ग). कम होगी
घ). शून्य हो जाएगी

30. अध्वर्यु इष्टि के लिए कितने शूर्प का प्रयोग करता है?

क). 5
ख). 3
ग). 4
घ). 2

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यह पोस्ट इनके द्वारा लिखा गया है। पाठकों एवं छात्रों को सही और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। हम boks.in वेबसाइट पर शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित उपयोगी सामग्री साझा करते है। #All India Rank One - Acharya (ved) in CUET PG # TOPPER IN UNIVERSITY OF DELHI (MA Sanskrit 1 Year)

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